सका उत्तर हाँ और नहीं दोनों तरह से दिया जा सकता है और दोनों ही उत्तर सही हैं।
चलिये सबसे पहेले हाँ से शुरुआत करते हैं-
अगर हम कहें कि हाँ जीवन में गुरु की जरूरत होती है तब यह सही बात है क्योंकि जब हम पैदा होते हैं तब बिल्कुल ही अबोध होते हैं। हमें अपने जीवन को समझने के लिये किसी गुरु की आवश्यकता होती है। कोई गुरु माँ के रूप में भी हो सकता है, पिता के रूप में भी हो सकता है, किसी अन्य व्यक्ति के रूप में भी हो सकता है, या प्रकृति के रूप में भी हो सकता है।
अगर हम कहें कि गुरु की जरूरत नहीं होती है। तब यह भी उत्तर बिल्कुल ही सही होगा। क्योंकि कोई व्यक्ति जब तक स्वयं ही सत्य जानने का प्रयास नहीं करता तब तक उसे कभी भी सत्य प्राप्त नहीं होता।
किसी भी अबोध बालक को कोई अन्य जीव चाहें वह माता-पिता के रूप में हो या कोई विद्वान के रूप में, जानबूझकर या अनजाने में आसानी से भटका सकता है। लेकिन कोई अबोध बालक अगर सत्य तक पहुंचता है तब यह सिर्फ उस बालक की खुद की कोशिश के कारण सम्भव हो पाता है।