दोस्तों क्या आप लोग बेस्ट Gulzar shayari या Gulzar quotes ढूंढ रहे हैं ? अगर हाँ तब आप एकदम सही जगह पर आये हैं। यहाँ हम सभी जबरदस्त गुलजार कोट्स और गुलजार शायरी का कलेक्शन लेकर आये हैं जिनको पढ़कर आप आनंद से भर जायेंगे।
Best Gulzar quotes और शायरी
दिल में कुछ जलता है शायद, धुआँ धुआँ सा लगता है।
आँख में कुछ चुभता है शायद, सपना सा कोई सुलगता है।
ज़ायका अलग सा है मेरे लफ़्ज़ों का,
के कोई समझ नहीं पाता, कोई भूला नहीं पाता।
झूठे तेरे वादों पे बरस बिताये, ज़िन्दगी तो काटी, ये रात कट जाए।
वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर.
इसकी आदत भी आदमी सी है।
थोड़ा सुकून भी ढूंढिए जनाब, यह ज़रूरतें कभी ख़त्म न होंगी।
बहुत अंदर तक जला देती हैं,
वो शिकायतें जो बयां नहीं होती।
ज़रा ये धुप ढल जाए ,तो हाल पूछेंगे ,
यहाँ कुछ साये , खुद को खुदा बताते हैं।
आइना देख के तसल्ली हुई,
हम को इस घर में जानता है कोई।
कौन कहता है हम झूठ नहीं बोलते ,
एक बार खैरियत पूछ के तो देखिये।
चख कर देखि है कभी तन्हाई तुमने ?
मैंने देखि है बड़ी ईमानदार सी लगती है।
सेहमा सेहमा डरा सा रहता है
जाने क्यों जी भरा सा रहता है।
कब आ रहे हो मुलाकात के लिए, मैंने चाँद रोका है एक रात के लिए.
चांदी उगने लगी है बालों में , के उम्र तुम पर हसीन लगती है !
ज़िन्दगी सस्ती है साहब, जीने के तरीके महंगे हैं।
शाम से आँख में नमी सी है, आज फिर आप की कमी सी है.
दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले, नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है
बहुत अंदर तक जला देती हैं वो शिकायतें जो बयां नहीं होती ।
कोई पूछ रहा है मुझसे मेरी जिंदगी की कीमत,
मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुरादेना ।
इक ज़रा चेहरा उधर कीजिये, इनायत होगी आप को देख के, बड़ी देर से मेरी सांस रुकी है.
आप के बाद हर घड़ी हम ने, आप के साथ ही गुज़ारी है।
तुमसे मिला था प्यार ,कुछ अच्छे नसीब थे ,
हम उन दिनों अमीर थे , जब तुम करीब थे।
मैं दिया हूँ, मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से थी,
ये हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं।
थोड़ा सा रफू करके देखिये न
फिर से नै सी लगेगी, ज़िन्दगी ही तो है.
शर्त लगी है मर जाने की नीना है तो प्यार में देह कहीं भी हो मेरा, जान राखी है यार में।
कोई तो चौक के देखे कभी हमारी तरफ ,
किसी की आँख में हमको भी इंतज़ार दिखे।
तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं,
तेरे बिना ज़िन्दगी भी लेकिन, ज़िन्दगी तो नहीं।
किसी ने मुझसे पुछा चाय या मोहब्बत,
हम ने मस्कुराके के कहा, मोहब्बत के हाथों से चाय।
कुछ अलग करना हो तो भीड़ से हट के चलिए,
भीड़ साहस तो देती हैं मगर पहचान छिन लेती हैं।
तक़लीत खुदी काम हो गयी, जब अपनों से उम्मीद काम हो गयी।
तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं, रात भी आयी थी और चाँद भी था , हाँ मगर नींद नहीं।
बहुत मुश्किल से करता हूं तेरी यादों का कारोबार मुनाफा कम है पर गुजारा हो ही जाता है।
वो चीज़ जिसे दिल कहते हैं,
हम भूल गए हैं रख के कहीं।
इतना क्यों सिखाये जा रही है ज़िन्दगी,
हमने कौनसी यहाँ साड़ियां गुज़ारनी हैं।
पनाह मिल जाए रूह को जिसका हाथ छू कर
उस हथेली पर घर बना लो।
हम कैसे करें ख़ुद को तेरे प्यार के काबिल,
जब बदलते हैं हम, तो तुम शर्ते बदल देते हो !
शायर बनना बहुत आसान हैं ,
बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए।